Saturday, February 20, 2016

वि-ज्ञान

यही बिंदु बहुत सही है की क्या जो विज्ञान नहीं है और विज्ञान सम्मत नहीं है (बात केवल उस विज्ञान की कर रहा हूँ, जिसे साधारण लोग विज्ञान कहते हैं |) वह है ही नहीं ?
अगर DNA चेक न कराएँ तो क्या पिताजी को पिताजी भी नहीं कहेंगे ? विज्ञान केवल वही नहीं है जो आज के विज्ञान से सिद्ध नहीं है | पृथ्वी गोल थी तो गोल थी कोई माने या ना माने, बहुप्रचलित विज्ञान से सिद्ध हो पाए या ना हो पाए | अब अगर ज्योतिष को विज्ञान से सिद्ध करने में १००० साल लगें तो हम इसे भूल जाएँ ?

जब तक न्यूटन ने गरूत्वाकर्षण सिद्धांत की व्याख्या नहीं की थी तब तक क्या सेब पेड़ से गिर कर ऊपर जाते थे ? :)

आप नहीं समझ पाते कि निदा-फ़ाजली कैसे इतनी अच्छी गज़ल लिखते हैं, और अपने कंप्यूटर से न लिखवा पायें तो हम ग़ज़ल पढ़ें-लिखें ही नहीं ?

कौन सा विज्ञान ये कहता है कि आज जो सिद्धांत है वह कल गलत साबित हो ही नहीं सकता ? हमेशा गुंजाइश है कुछ नया आने की
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या मा सा माया !

मेरे अपने - 2

बाँभन

बाँभन को मत छेड़िए, वचन शुरू हो जाएँ |
गारी-गुप्ता फिर कहीं, अंगन में लग जाय ||
अंगन में लग जाय, कि अगलो जन्मऊ बिगरे |
बिना बात गलियन, कुक्कुर पैरन कूँ पकरे ||

आम Vs ख़ास

 एक होती थी "आम" आदमी पार्टी -
अमरुद ठीक हूँ, अनार ठीक हूँ,
लीची, बेल, अंजीर ठीक हूँ,
आडू, शहतूत, अंगूर ठीक हूँ
नरियल, केला और बेर ठीक हूँ,
सेब, संतरा, खज्जूर ठीक हूँ
जामुन, चीकू, कचनार ठीक हूँ
आम नहीं, आलूबुक्खार ठीक हूँ :)
P.S. : हे भगवान ! मुझे आम मत बनाना मैं खास ही ठीक हूँ :)

सुना है आम अंधे होते हैं !....हें ?

 
 Vs


बुढ़ापे में होली





सफ़ेद बालों को रंग लीजिये, जनाब होली में |

त्वचा की झुर्रियां ढक लीजिये, जनाब होली में |

कि हिलते हाथ सेे रंगिये, किसी के गाल होली में |

दांतों से नहीं, लीजिये, लबों से काम होली में |



मेरे अपने - 1


ज्योतिष -1

ग्रहों की अपनी राशियाँ, मूल त्रिकोण राशियाँ और उच्च और नीच राशियाँ याद करने के लिए आज लिखा -


रवि स्वगृही सिंह में, सिंह ही मूल त्रिकोण | सूर्य मेष में उच्च हैं, नीच तुला में होंय ||
सोम स्वगृही कर्क में, वृष में मूल त्रिकोण | वृष में ही हैं उच्च के, वृश्चिक नीच कहाए ||
भौम स्वगृही मेष-अलि, मेष है मूल त्रिकोण | मकर कहाते उच्च के, कर्क नीच के होंय ||
बुध स्वामि कन्या-मिथुन, कन्या मूल त्रिकोण | कन्या होते उच्च के, नीच मीन में होंय ||
गुरु- धनु और मीन पति, धनु है मूल त्रिकोण | कर्क के हों तो उच्च के, मकर नीच के होंय ||
शुक्र तुला और वृष  पति, तुल में मूल त्रिकोण | मीन में हों तो उच्च हैं, नीच अंगना होंय ||
शनि स्वगृही कुम्भ-मृग, कुम्भ है मूल त्रिकोण | तुल में शनि हैं उच्च के, मेष नीच में होंय ||
राहु स्वगृही कन्य में, कर्क राशि त्रीकोण | मिथुन रहें तो उच्च हों, धनु में नीच कहाय ||
केतु मीन पति स्वगृही, मकर है मूल त्रिकोण | धनु उच्च के रहत हैं, मिथुन नीच के होंय ||